खुशियों
की सौगात है लाई.
नीले पीले
लाल गुलाबी,
चारों ओर
रंग बिखरे हैं.
रंग में
छुपे हुए चेहरों पे
नए नए भाव
निखरे हैं.
भेदभाव हैं
सब छुप जाते,
जब गुलाल
प्रेम से लगता.
मिट जाते
हैं सब शिकवे,
जब है
मित्र गले से लगता.
गले लगाओ
आज प्रेम से,
सब के साथ
मिठाई खाओ.
कोई भी
त्यौहार हो बच्चो,
मिलकर सबके
साथ मनाओ.
होली है
त्यौहार प्यार का,
भेद भाव सभी मिट जाते.
सभी
पुराने मनमुटाव हैं,
दहन हैं
होली में हो जाते.
आओ घर से
बाहर आओ,
ख़ुशी ख़ुशी
त्यौहार मनाओ.
**होली की हार्दिक शुभकामनायें**
...कैलाश शर्मा